Ajmer Sharif

दीवाने दरपे जाते है, मुरादे मनकी पाते है मनकबते गरीब नवाज लिरीक्स

दीवाने दरपे जाते है, मुरादे मनकी पाते है
ख्वाजा तो सदका, उस्मांका लुटाते है...

गौषका गोहर प्यारा, चश्मे अलीका तारा
पंजतनका गुल है, वलीयोमें है न्यारा
नानाका नाझ है तो फख़े फातेमां है
हसनैनी जलवा, हरपल वो दीखाते है...

चहेरेपे देखे नुरे नबी, देखे दंग रहे जाये
हिन्दमें नबी का जलवा, ख्वाजा बनके आये
ख्वाजाका चीश्ती कुल्लाह, पीरने डाला सरपे
निस्बते ख्वाजासे चीश्ती केहलाते है...

कोई न कोई कीसीका, होता है ईस जगमें
अपना तो कोई नही, ख्वाजा बसे रग रगमें
दाताकी दैन बल्ठी है, मांगसे अपनी झयादा
गरीब नवाझीके गौहर चमकाते है...

नुरी नैनोवाला मोहन मुख है ख्वाजा
उनके दमसे हिन्दमें है दीने मुहम्मद ताझा
गुले ईमां खीलता रहा, चीश्ती बहारे आई
आंधी खीझा डरके, मुंह अपना छुपाते है...

मीलके खेले होली आओ चिकश्ती रंग है
दुनियासे कया लेना खाजा अपने संग है
शाहो गदा भरते है जोली उनके दरसे
खास करम तो वो गरीबोपे जताते है...

बाबा कुतुबका सदका, सदका निझामो फरीदका
रात शबे कदर जेसी गुझरे हर दीन ईदका
दर्दमें गुझरा जीवन आधा खुशीमें गुझारे
दुआ गरीबोकी वो, रब तक पहोचाते है...

अजमेरसे राह दख्वन की, खाजाने दीखलाई
गुलबर्गामें बंदा नवाझी ख्वाजाने जतलाई
कादरी चीश्ती रंगमें रंगा पीर मीला भी चंगा
“दिलावर” सगे “वाहिद” अब तो केहलाते है...