सय्यिद ने करबला में वा'दे निभा दिये हैं
दीने मुहम्मंदी के गुलशन खिला दिये हैं
बोले हुसैन मौला तेरी रिज़ा की खातिर
एक एक कर के मैंने हीरे लुटा दिये हैं
सय्यिद ने करबला में वा'दे निभा दिये हैं.......
ज़हरा के नाज़ पाले फूलों पे सोने वाले
करबल की ख़ाक पर वो हीरे लुटा दिये हैं
सय्यिद ने करबला में वा'दे निभा दिये हैं.......
ज़ैनब के बाग़ में भी दो फूल थे महकते
ज़ैनब ने वो भी दोनों राहे ख़ुदा दिये हैं
सय्यिद ने करबला में वा'दे निभा दिये हैं.......
दीने नबी पे वारी अकबर ने भी जवानी
अब्बास ने भी अपने बाज़ू कटा दिये हैं
सय्यिद ने करबला में वा'दे निभा दिये हैं.......