Sex in Islam: गुदा मैथुन(Anal Sex) | Anal sex in Islam is Permissible?


By ilmnoohai.com   ·  
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औरत के पीछे के मकाम (दुबुर) में जिमा करना जिसे एनल सेक्स (Anal Sex) कहा जाता है, जाइज़ नही है इसे जाइज़ कहने वाले बहुत बड़ी गलती करते हैं।

गुदा मैथुन (Anal Sex) इस्लाम में जाइज़ या ना जाइज़?? | Is Anal Sex Haram in Islam?

अल्लामा अब्दुर्रज़्ज़ाक़ भतरालवी लिखते हैं कि बाज़ रिवायात से बाज़ हज़रात गलती का शिकार हो गये और पीछे के मकाम में (Sex) को जाइज़ समझने लगे, इस पर एक हदीसे पाक का मुशाहिदा करें तो मसअला वाज़ेह हो जायेगा। हज़रते इब्ने उमर रदिअल्लाहु त'आला अन्हु के गुलाम हज़रते नाफ़े'अ से पूछा गया कि लोग तुम्हारी तरफ ये बात कसरत से मंसूब करते है कि तुम कहते हो हज़रते इब्ने उमर औरतों से पिछली जानिब से (Sex Ka) फ़तवा देने को जाइज़ समझते थे तो उन्होंने कहा कि लोग मेरी तरफ झूट मंसूब करते हैं, हाँ अलबत्ता मै तुम्हें बताता हूँ कि असल मे हज़रते इब्ने उमर की हदीस क्या है।

वो ये है कि एक दिन हज़रते इब्ने उमर के पास क़ुरआने पाक था (आप पढ़ रहे थे) जब आप इस आयत पर पहुँचे कि "तुम्हारी औरतें तुम्हारे लिए खेतियाँ है" तो आप ने फरमाया: ए नाफ़े'अ! क्या तुम इस आयत के मुतल्लिक़ कुछ जानते हो? तो मैने कहा कि नहीं। आप ने फरमाया हम क़ुरैश के लोग औरतों से जिमा पिछली जानिब से किया करते थे (यानी जिमा तो आगे के ही मक़ाम में किया जाता था लेकिन कैफियत ये होती थी के पीछे से करते थे) फिर जब हम ने मदीने में (मुहाजिरीन ने) अंसार की औरतों से निकाह किये तो हम ने उन से इसी तरह जिमा करना चाहा (यानी पीछे से) जिस तरह हम कुरैश की औरतों के साथ करते थे तो अंसार की औरतों ने इसे गलत समझा और नापसंद किया और इसे अज़ीम (जुर्म) समझा क्योंकि अंसार की औरतों ने यहूद की औरतों से ये मसअला हासिल किया था कि जिमा एक करवट की जानिब से किया जाये तो (जब हुज़ूर ﷺ के पास ये मसअला पहुँचा तो) ये आयत नाज़िल हुई कि जिस में अंसार के क़ौल (जो यहूद का था) को रद्द किया गया और औरतों को खेती से तशबीह दी गयी और अपनी खेती में हर तरह से आने की इजाज़त दी गयी। (निसाई) (تفسیر نجوم الفرقان، ج5، ص489)

इस आयत और फिर इसकी तफ़सीर से मालूम हुआ कि औरत के पीछे के मक़ाम में जिमा (Sex) जाइज़ नहीं और आगे के मक़ाम में जिमा करने के लिये कोई खास कैफ़ियत मुअ़य्यन नहीं है बल्कि पीछे से, आगे से, करवट से, खड़े हुये, बैठे हुये, दिन में या रात में कभी भी जिमा किया जा सकता है। यहूदियों का ऐसा ख्याल था कि अगर कोई पीछे से आगे के मक़ाम में जिमा करता है तो बच्चा भेंगा (Cross Eye) पैदा होता है। अल्लाह त'आला ने इस आयत में यहूद का रद्द फ़रमाया और मुसलमानों को एक मुख़्तसर सी आयत में कई मसाइल बता दिये कि औरतें तुम्हारी खेती हैं यानी मक़्सद पैदावार होनी चाहिये और इसके लिये कैफ़िय्यत मुअ़य्यन नहीं और जब एक खास उज़्व (Part) इस खेती के लिये मुन्तख़ब किया गया है तो फिर पीछे के मक़ाम (दुबूर) में जिमा (Sex) करना जाइज़ नहीं है।

जगुदा मैथुन के नुक्सानात | Harmful Effects of Anal Sex in Islam

आज कल अक्सर नौजवानों के पास स्मार्टफोन मौजूद हैं जिस में हाई स्पीड नेट के साथ डाटा भी काफ़ी मौजूद होता है फिर वो इंटरनेट से गंदी फिल्में डाउनलोड करते हैं और एनल सेक्स को भी सेक्स का हिस्सा समझ कर शादी के बाद इस गुनाह में मुब्तला होते हैं। इंटरनेट पर कसरत से ऐसी फिल्में और वेब सीरीज़ मौजूद हैं जिन से सेक्स नॉलेज हासिल करना अपनी मेरिड लाइफ (Married Life) को तबाह करने के बराबर है।

औरत के पीछे के मकाम में वती (sex) करने की मुमानिअ़त अहादीस में सराहत के साथ मौजूद है हदीस का मफ़हूम है कि जिस शख्स ने हाइज़ा औरत (यानी जो हैज़ की हालत में हो, उस) से जिमा किया या औरत के पीछे के मकाम में जिमा किया या किसी काहिन (ज्योतिषी, नजूमी वग़ैरह) के पास गया तो उस ने इस शरीअ़त का इंकार किया जो अल्लाह त'आला ने अपने रसूल (मुहम्मद सल्लल्लाहु त'आला अ़लैहि वसल्लम) पर नाज़िल की। (رواہ الامام احمد والترمذی والنسائی و ابن ماجہ و عبد بن حمید والبیھقی و ابن ابی شیبہ بہ حوالہ تفسیر در منثور از امام سیوطی، ج1، ص26)

एक और हदीस का मफ़हूम है कि मलऊन है वो जो अपनी औरत के दुबुर में वती (sex)करे। (यानी पीछे के मकाम में सेक्स करे)

(رواہ احمد و ابو داؤد، احکام القرآن از امام رازی، ج1، ص353، احکام القرآن از ابن العربی مالکی، ج1، ص174، الجامع الاحکام القرآن از امام قرطبی، ج3، ص87، التفسيرات الاحمدیہ از علامہ ملا احمد جیون، ص110، تفسیر ابن کثیر، ج1، ص263، تفسیر صاوی، ص104، تفسیر روح المعانی، ج2، ص124، تفسیر جلالین، تفسیر مظہری، ج1، ص104)

इन दलाइल से ये बात बिल्कुल वाज़ेह हो जाती है कि औरत के पीछे के मक़ाम में वती करना (जिसे Anal Sex कहते हैं, ये) सख़्त नाजाइज़ और गुनाह है।

एक तरफ़ जहाँ गंदी फिल्मों में ऐनल सेक्स को दिखाया जा रहा है वहीं दूसरी तरफ़ गन्दी वेब सीरीज के ज़रिये ये पैगाम दिया जा रहा है कि ये कोई बुरी बात नहीं है। एक दौर था कि सिम्पल मोबाइल्स हुआ करते थे और कम्प्यूटर के ज़रिये इंटरनेट का इस्तिमाल करने वालों की तादाद बहुत ज़्यादा नहीं थी पर अब स्मार्टफोन ने गंदी फिल्मों की दुनिया में ईधन (Fuel) का काम किया है। अब हर शख्स के पास इंटरनेट की सहूलत मौजूद है और कुछ सेकंड के फासिले पर लाखों बल्कि करोड़ों गन्दी फिल्में स्टोर कर के रखी हुई हैं।

एनल सेक्स: क्या इस्लाम में हराम है या नहीं? धार्मिक दृष्टिकोण का अन्वेषण करें!

ना जाने कितनी वेबसाइट्स हैं जो एडल्ट वीडियो को प्रमोट कर रही हैं। एक वेबसाइट्स की रिपोर्ट के मुताबिक़ हर सैकेण्ड 1000 से ज़्यादा लोग वेबसाइट्स पर जाते हैं और हर दिन लाख नहीं मिलियन नहीं बल्कि बिलियंस की तादाद में लोग गंदी फिल्में देखते हैं। हमारा अन्दाज़ा है कि 60 फीसद से ज़्यादा नौजवान बल्कि उस से भी ज़्यादा जिस में लड़कियाँ भी शामिल हैं, गंदी फिल्मों के नशे में मुब्तिला हैं।

शरीअ़त में ऐनल सेक्स (यानी औरत के पीछे के मक़ाम में मर्द का उज़्वे खास दाखिल करने की) इजाज़त तो बिल्कुल नहीं लेकिन अगर एक आम शख्स की तरह भी सोचा जाये तो ये हरकत बड़ी घटिया और घिनौनी मालूम होती है। औरत के एक खास उज़्व को सेक्स के लिये खास किया गया है जिस तरह जिस्म के दूसरे आज़ा (पार्टस) के अपने अलग-अलग काम हैं। फिर इनको किसी दूसरे काम के लिये इस्तिमाल करना कैसे सहीह हो सकता है। और जब ऐसा किया जायेगा तो ज़ाहिर है कि कुछ गलत होगा।

औरत को भी इससे तकलीफ होती है क्योंकि फर्ज (वेजाइना, औरत की आगे की शर्मगाह) में जिमा के दौरान अपने आप एक तरी और चिकनाई आ जाती है जिससे आसानी होती है और चमड़े पर असर नहीं होता लेकीन दुबुर (पीछे के मक़ाम) में ऐसा नहीं होता जिसकी वजह से तकलीफ होना आम बात है और साथ मे खून निकलने और पाखाने के रास्ते की झिल्ली (जो पतली होती है, उस) के फटने का भी अन्देशा है। इतना ही नहीं पीछे के मक़ाम मे जो गंदगी होती है उससे इन्फेक्शन भी हो सकती है जो कई बीमारियों का सबब बन सकती है। ये बातें जो नहीं जानते और शादी के बाद औरत के साथ जानवरों जैसा सुलूक करते हैं उनकी अज़्दवाजी ज़िंदगी (मेरिड लाइफ) से सुकून खत्म हो जाता है और ज़िंदगी भर परेशान रहते हैं।