Syeda Fatima Ki Shan Me Aashar/Sher In Hindi


By ilmnoohai.com   ·  
Updated:   ·   5 min read.

01: ZAHRA

वो करम का मक्जन, सखा का मरकज
अता सरापा जनाबे जहरा
नबी की सीरत नबी की सूरत
नबी का नक्शा जनाबे जहरा
नबीए आजम की नेक दुख्तर
शहीदे आजम की पाक मादर
जनाबे शेरे खुदा के घर में
जीना की मलिका जनाबे जहरा
फिदा हैं आलम तमाम तुम पर
दुरूद तुम पर सलाम तुम पर
मेरा तो दोनो जहां में वल्लाह
फकत सहारा जनाबे जहरा

तू बिनते खैरूल अनाम जहरा
अजीम तेरा मकाम जहरा
जो है अकीदत गुजार तेरा
है उसपे दोजख हराम जहरा
लगे कयामत में प्यास जिस दम
अता हो कोसर का जाम जहरा
कलामे हक भी पड़े कसीदे
फरिश्ते भेजे सलाम जहरा
तू आए खुद हुजूर उठ कर
करे तेरा एहतराम जहरा
तू अपने हसनो हुसैन जैनब
में तेरे दर का गुलाम जहरा

हया के माथे का ताज जहरा
वफा परस्ती की लाज जहरा
किसी की बेटी को ना मिला
मिला जो तुझको राज जहरा
मकामे कुने हुसैन ये है
करेगी जन्नत पे राज जहरा
ज़माने भर में जो बट रहा है
तेरे वो घर का अनाज जहरा
जो तेरे शौहर से बुग्ज रखे
मरीज है ला इलाज जहरा
मिले जो तेरे कदम की मिट्टी
हमारे सरका हो ताज जहरा

हया की पैकर वफा कि आयत
हिजाब की सलसबीर जहरा
कही है मासूमियत का साहिल
कही है शराफत की झील जहरा
जहाने मौजूद में बनी है
वजूदे हक्क की दलील जहरा
ज़माने भर की अदालतों में
निसा की पहली वकील जहरा
आओ सलाम करे उनके आस्ताने को
हुसैन पाल के दिया जिसने ज़माने को

02: NABI KA KHANDAN

फकत मालो जर दीवारों दर अच्छा नहीं लगता
घर में अगर बेटी ना हो तो घर अच्छा नही लगता
जिनते वक्त में तनवीर बनके आती है
खुशनुमा अज़ीज़ की तेहरित बनके आती है
जिन्हे नफरत है बेटियो से ये बता तो उन्हे
बेटियां बाप की तकदीर बनके आती है
ज़माने भर में बड़ी घर की शान बेटी से
चमक रहा है दिलो का जहान बेटी से
जरूरी नही के बेटा ही घर का नाम रोशन करे
मेरे नबी का चला खानदान बेटी से

03. MAKAM ZAHRA KA

बुलंदियों से भी है बुलंद मुकाम जहरा का
दुरुद पड़के लिया कर तू नाम जहरा का
ये सर पे चादरे अब भी गवाही देती है
के पर्दादारी का सारा निजाम जहरा का
मेरी बेहनो हिजाब लाज़िम है तुम पर
है ये तुमको पैगाम जहरा का
में उनकी पाकी के बारे में क्या बताऊं तुम्हे
जिस का पैकर अर्श पे सजदे में था
जोहर पड़ कर वो हसन कि मां बनी
नमाजे असर में उनका सर सजदे में था

04. NAAM

अकीदतो के हर एक वरख पे
दुरुद लिखना सलाम लिखना
जुका के सर को दूरूद पड़ कर
जनाबे जहरा का नाम लिखना
कदम कदम पर खयाल रखना
कही अकीदत ना डगमगाए
फिर अपने अशको की रोशनाई से
फातिमा जहरा का नाम लिखना
जो करना हो सरकार को राजी
जो करनी हो ज़माने में सरफराजी
कलम को सजदे में रख के साजिद
हुसैन की अम्मीका नाम लिखना
हिजाबो अजमत से इज्न ले कर
में शान बिनते रसूल लिखूं
कलम के ऊपर नकाब दे कर
अदब से लफ्जे बतूल लिखूं
पिया जिसने जहरका जाम वो बेटा फातिमा का है
जो आया करबला में काम वो बेटा फातिमा का है
जो है बगदाद में सोया वो बेटा फातिमा का है
तुम्हे मालूम है क्या ए हिंदुस्ता वालों
जो लाया हिंद में इस्लाम वो बेटा फातिमा का है

05. SHANE SAYYADA

क्यू कर ना हो इख्तियारे सखा फातिमा जहरा
है दुख्तरे मेहबुबे खुदा फातिमा जहरा
है नूरे मुहम्मद ब खुदा फातिमा जहरा
मेहशर में है रेहमत की घटा फातिमा जहरा
मादर है जैनब की हसन और हुसैन की
है आले मुहम्मद की रिदा फातिमा जहरा
पूछा जो किसी ने के खातूने जीना कोन
आहिस्ता से मेने ये कहा फातिमा जहरा
मेरी दुआवो को वो दरजाए कबूल मिले
जो में मांगू मुझे सदकाए बतूल मिले

06. GHAR

घर फातिमा जहरा का अजब शान का घर है
ये वही की मंजिल है ये कुरान का घर है
इस्लाम के माहोल में ईमान का घर है
मोमिन की मुनाफिक की पहचान का घर है
कुछ लोग मरे जाते है इस रंजो मनन में
इस घर का जो दरवाजा है मस्जिद के सहन में
अल्लाह ने इस घर को नबूवत से नवाजा
इसमत से इमामत से हिदायत से नवाजा
हर फर्द को कुरान की आयत से नवाजा
सांचे में बसीयत की सब अफ़राद पले है
सब चादरे ततहीर के साए में पले है
सूरज के आसपास ना चंदा के आसपास
जो रोशनी है मजारे फातिमा के आसपास
मेरी यही दुआ है जन्नत में ए खुदा
हमारी भी मां हो फातिमा जहरा के आसपास

07. PEHCHAN

इब्ने जेहरा की मोहब्बत दिन है ईमान है
जिसके के दिल में ये नही वो बदनसब इंसान है
फख्र से केहता है ये मकसूद सुनो ऐ जहां वालो
ज़िक्रे एहलेबेत से मुझको मिली पहचान है