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ऐ सबा मुस्तफा से केह देना गम के मारे सलाम कहते हैं लिरीक्स

ऐ सबा मुस्तफा से केह देना गम के मारे सलाम कहते हैं
याद करते हैं तुमको शामो सहर दिल हमारे सलाम कहते हैं

अल्लाह अल्लाह हुजूर की बातें मरहबा रंग नूर की बातें
चांद जिनकी बलाएं लेता है और सितारे सलाम कहते हैं

अल्लाह अल्लाह हुजूर के गेसू भीनी भीनी महकती वह खुश्बू
जिससे मामूर है फज़ा हर सू वह नज़ारे सलाम कहते हैं

जब मुहम्मद का नाम आता है रहमतों का पयाम आता है लब हमारे दुरुद पढ़ते है दिल हमारे सलाम कहते हैं

जाइरे काबा तु मदीने में प्यारे आका से इतना कह देना आपकी गर्दे राह को आका बे सहारे सलाम कहते है

जिक्र था आखरी महीने का तज्किरा छिड़ गया मदीने का हाजियों मुस्तफा से कह देना गम के मारे सलाम कहते हैं

ऐ खुदा के हबीब प्यारे रसूल यह हमारा सलाम कीजिए कुबूल
आज महफिल में जितने हाजिर हैं मिलके सारे सलाम कहते है